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Kabira, at his best

Monday, July 18, 2011

गुरु गोविंद

गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय ॥
Posted by Rupesh at 9:36 AM

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